तारीख: 18 नवंबर 2007
स्थान: ग्रीन पार्क, कानपुर
क्रिकेट की दुनिया में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मुकाबले हमेशा से खास होते हैं। दोनों देशों के बीच खेला गया हर मैच दर्शकों के दिलों में एक गहरी छाप छोड़ जाता है। 2007 में पाकिस्तान के भारत दौरे का तीसरा वनडे मैच भी ऐसा ही था। यह मुकाबला कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेला गया और इसमें हर पल रोमांच से भरा हुआ था।
टॉस और शुरुआती मुकाबला
इस मुकाबले में पाकिस्तान के कप्तान शोएब मलिक ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। पाकिस्तान ने ग्रीन पार्क की पिच को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया, जो शुरुआती ओवरों में गेंदबाजों को मदद दे रही थी। भारतीय टीम की पारी की शुरुआत सलामी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली ने की। दोनों अनुभवी बल्लेबाजों पर भारत को एक मजबूत शुरुआत दिलाने का दारोमदार था।
हालांकि, सचिन तेंदुलकर अपनी लय में नहीं दिखे और 29 गेंदों पर 29 रन बनाकर आउट हो गए। उन्हें उमर गुल ने एक बेहतरीन गेंद पर पवेलियन भेजा। दूसरी तरफ, सौरव गांगुली ने एक संभलकर खेलते हुए रन बनाने की कोशिश की। हालांकि, गांगुली भी 39 रन बनाकर आउट हो गए।
इसके बाद युवराज सिंह और कप्तान एमएस धोनी ने पारी को संभालने की जिम्मेदारी उठाई। युवराज सिंह ने इस मैच में शानदार बल्लेबाजी की और 77 रन बनाए। उनकी पारी में 95 गेंदों का सामना करते हुए 4 चौके और 3 छक्के शामिल थे। लेकिन उनकी पारी का अंत अब्दुर रहमान की गेंद पर हुआ, जब उन्होंने स्वीप शॉट खेलने की कोशिश की और गेंद उनके बल्ले का टॉप एज लेकर ऊंची चली गई। इसे मिस्बाह-उल-हक ने डीप मिडविकेट पर लपक लिया। युवराज की यह पारी भारत के लिए बेहद अहम रही।
इसके अलावा, एमएस धोनी ने 89 गेंदों पर 49 रनों की पारी खेली, जिसमें उनकी परिपक्वता साफ झलकी।
इसके अलावा, निचले क्रम में इरफान पठान और हरभजन सिंह ने महत्वपूर्ण रन जोड़कर भारत को 294/6 के मजबूत स्कोर तक पहुंचाया। पाकिस्तान के गेंदबाजों में उमर गुल और सोहेल तनवीर ने अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने दबाव झेलते हुए स्कोरबोर्ड को आगे बढ़ाया।
पाकिस्तान की पारी और भारतीय गेंदबाजों का दबदबा
295 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की टीम को अच्छी शुरुआत की जरूरत थी। सलामी बल्लेबाज सालमान बट और कामरान अकमल ने टीम को तेज शुरुआत देने की कोशिश की, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने उनकी योजना पर पानी फेर दिया।
इरफान पठान ने अपनी स्विंग गेंदबाजी से सलमान बट को जल्दी आउट कर दिया, जबकि कामरान अकमल को जहीर खान ने चलता किया। पाकिस्तान की टीम की शुरुआत खराब रही, और उनका स्कोर जल्दी ही 50/3 हो गया।
मिडिल ऑर्डर में यूनुस खान और मोहम्मद यूसुफ ने पारी को संभालने की कोशिश की। यूनुस खान ने 68 रनों की शानदार पारी खेली और अपनी टीम की उम्मीदों को जिंदा रखा। मोहम्मद यूसुफ ने भी संयमित बल्लेबाजी करते हुए 35 रन बनाए। लेकिन भारतीय स्पिनरों ने बीच के ओवरों में अपनी जादूई गेंदबाजी से पाकिस्तान की बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी।
हरभजन सिंह और मुरली कार्तिक ने मिलकर पाकिस्तान के मध्यक्रम को तहस-नहस कर दिया। हरभजन ने 10 ओवरों में सिर्फ 36 रन देकर 2 महत्वपूर्ण विकेट चटकाए। वहीं, मुरली कार्तिक ने भी अपनी सटीक गेंदबाजी से बल्लेबाजों को परेशान किया।
अंतिम ओवरों का रोमांच
मैच आखिरी ओवरों तक रोमांचक बना रहा। पाकिस्तान को अंतिम 15 गेंदों में 20 रनों की जरूरत थी, और क्रीज पर सोहेल तनवीर और शाहिद अफरीदी मौजूद थे। अफरीदी ने एक-दो बड़े शॉट लगाकर मैच में रोमांच ला दिया, लेकिन आरपी सिंह ने अपनी कसी हुई गेंदबाजी से उन्हें आउट कर दिया।
आखिरी ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 10 रन चाहिए थे, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने शानदार फील्डिंग और सटीक गेंदबाजी से यह सुनिश्चित किया कि पाकिस्तान लक्ष्य तक न पहुंच सके। पाकिस्तान की पूरी टीम 249 रनों पर सिमट गई, और भारत ने यह मुकाबला 46 रनों से जीत लिया।
भारत की शानदार जीत
यह जीत भारतीय टीम के लिए कई मायनों में खास थी। टीम ने न सिर्फ दबाव में बेहतर प्रदर्शन किया, बल्कि अपने संयम और रणनीति से यह साबित कर दिया कि वे किसी भी परिस्थिति में जीतने की क्षमता रखते हैं। भारत ने इस जीत के साथ सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली।
मुख्य नायक
- युवराज सिंह: उनकी 77 रनों की शानदार पारी ने भारतीय पारी को स्थिरता दी और उन्हें एक बड़े स्कोर तक पहुंचाया।
- एमएस धोनी: भारतीय कप्तान ने बल्ले से संयमित प्रदर्शन करते हुए टीम को एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया।
- हरभजन सिंह: उनकी जादूई गेंदबाजी ने पाकिस्तान के बल्लेबाजों को परेशान कर दिया।
- जहीर खान: उन्होंने शुरुआत में ही पाकिस्तान के मुख्य बल्लेबाजों को आउट कर भारत को मजबूत स्थिति में ला दिया।
मैच के बाद का माहौल
मैच खत्म होने के बाद ग्रीन पार्क स्टेडियम में भारतीय प्रशंसकों की खुशी का माहौल देखने लायक था। स्टेडियम में “इंडिया-इंडिया” के नारे गूंज रहे थे। भारतीय कप्तान एमएस धोनी ने पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में अपनी टीम की तारीफ की और कहा कि यह जीत पूरे टीम प्रयास का नतीजा है। वहीं, पाकिस्तान के कप्तान शोएब मलिक ने हार के लिए मिडिल ऑर्डर के प्रदर्शन को जिम्मेदार ठहराया।
भारत-पाकिस्तान मुकाबलों की विशेषता
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच सिर्फ खेल नहीं होता, यह दोनों देशों के फैंस के लिए भावनाओं का महासागर होता है। हर चौका, हर छक्का और हर विकेट दोनों देशों के करोड़ों दर्शकों की धड़कनें बढ़ा देता है। इस मुकाबले ने भी दर्शकों को अपनी सीट से बांधे रखा।
निष्कर्ष
कानपुर के ग्रीन पार्क में खेला गया यह मुकाबला भारत-पाकिस्तान क्रिकेट इतिहास का एक और यादगार अध्याय बन गया। भारतीय टीम ने अपनी मेहनत और शानदार खेल से यह साबित कर दिया कि वे दुनिया की किसी भी टीम को मात दे सकते हैं। इस जीत ने न सिर्फ भारतीय फैंस को खुशी दी, बल्कि टीम को आत्मविश्वास से भी भर दिया।
भारत और पाकिस्तान के बीच ऐसा रोमांचक मुकाबला देखने का मौका हमेशा खास होता है, और यह मैच भी लंबे समय तक याद रखा जाएगा।

आधिकारिक स्कोरकार्ड देखने के लिए यहां क्लिक करें: India vs Pakistan 3rd ODI 2007 Full Scorecard
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